वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Fundamentals Explained
वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Fundamentals Explained
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विधिः कृष्ण पक्ष के शनिवार से इकतीस दिन तक नित्य रात के समय एक माला जप उपर्युक्त मन्त्र का करें। इस कृत्य से मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। प्रयोग के समय यही मन्त्र ग्यारह बार पढ़कर एक-दो बताशे /मिठाई अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री को खिला देंगे, वह वशीभूत हो जायेगी। मन्त्र में अमुकी के स्थान पर स्त्री का और अमुक के स्थान पर अपना नाम बोलना चाहिए।
मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना के दौरान यही उर्जा सीधे सामने वाले पर असर करती है.
इस मंत्र का जाप एक शांत और पवित्र स्थान पर, स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर करना चाहिए। मंत्र जाप की विधि और मंत्रों की संख्या के बारे में किसी अनुभवी गुरु या पुस्तक से जानकारी प्राप्त करें।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (अमुक) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥
वशीकरण की प्रक्रिया में मंत्र, तंत्र और अन्य आध्यात्मिक साधनों का उपयोग किया जाता है.
बिजनेस में सफलता और नए अवसर प्राप्त करने के लिए।
मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना का तिलक का उपाय
माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़।
कामदेव, जो प्रेम और आकर्षण के देवता माने जाते हैं, उनकी शक्ति को साधना के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। यह मंत्र आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा और आकर्षण को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
बगलामुखी देवी को दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या माना जाता है. इनकी पूजा शत्रु विजय, वाक् शक्ति, मनोकामना पूर्ति, विवादों में सफलता और कानूनी मामलों में विजय प्राप्त करने के लिए की जाती है. कई लोग मानते हैं कि बगलामुखी पूजा से वशीकरण भी किया जा सकता है.
ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं ठः ठः (अमुका) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥
अगर आप स्थायी मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना देख रहे है तो वशीकरण बढ़िया है लेकिन आसान और कम समय के उपाय में ये बेस्ट है.
इस पुस्तक में आठ सिद्धियां दी गई हैं जिनको कि विधिपूर्वक करने से मनुष्य अवश्य सफल होता है। वह सिद्धियां इस प्रकार हैं। (१) वशीकरण विद्या (२) आकर्षण विद्या (३) अष्टसिद्धि (४) कायाकल्प विद्या (५) यक्षणी साधन (६) भूत विद्या (७) ओझा विद्या (८) यन्त्र, मन्त्र और तन्त्र विद्या । वह विद्या ऐसी हैं यदि विधिपूर्वक की जायं तो पूरा २ अब भी असर करती हैं। लेकिन सिद्धि कार्य more info कर्त्ता पर निर्भर है।
परिणाम व्यक्ति और स्थिति के अनुसार अलग-अलग होते हैं।